Breakfast Tips: नाश्ते में उच्च प्रोटीन वाला दूध पीने
से मधुमेह रोगियों को रक्त में शर्करा को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती
है. ये बात एक नए शोध में सामने आई है.
शोध किया कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्वेल्फ और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के अनुसंधानकर्ताओं ने. इसमें पता चला कि नाश्ते में बदलाव के जरिये टाइप टू मधुमेह के नियंत्रण में मदद मिलती है.
अनुसंधान के परिणाम के मुताबिक, नाश्ते के दौरान लिये गए दूध से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा में कमी आती है. साथ ही, उच्च प्रोटीन वाला दूध सामान्य प्रोटीन वाले डेयरी उत्पादों की तुलना में खाने के बाद ग्लूकोज की मात्रा में कमी लाने में सहायक है.
इस अध्ययन की रिपोर्ट को जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित किया गया था. अध्ययन नाश्ते के समय दूध पीने के महत्व को रेखांकित करता है. इससे कार्बोहाइड्रेट का पाचन धीरे-धीरे होता है और इससे रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि पोषण विशेषज्ञ हमेशा से पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ते की हिमायत करते रहे हैं और यह अध्ययन नाश्ते में दूध को भी शामिल करने को बढ़ावा देता है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित इस शोध के हवाले से बताया गया है कि अंडों का रक्त के कोलेस्टेरोल के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है. शोध के सह लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस फुलर ने कहा, ‘डायबिटीज के मरीजों के लिए अंडे खाने के सुरक्षित स्तर के बारे में सलाह में मतभेद के बावजूद हमारा शोध इंगित करता है कि अगर अंडे आपके खानपान की शैली का हिस्सा हैं, तो इन्हें खाने से परहेज मत करिए’.
उन्होंने कहा कि इस शोध में संतृप्त वसा अम्ल जैसे मक्खन के स्थान पर एकल संतृप्त वसा अम्ल खासकर एवोकेडो तथा आलिव ऑयल अपनाने की सलाह दी गई है. अंडे प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों को अच्छा साधन हैं और इनके खाने से अनेक फायदे होते हैं. ये आंखों और दिल की सेहत के लिए अच्छे हैं.
(एजेंसी से इनपुट)
शोध किया कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्वेल्फ और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के अनुसंधानकर्ताओं ने. इसमें पता चला कि नाश्ते में बदलाव के जरिये टाइप टू मधुमेह के नियंत्रण में मदद मिलती है.
अनुसंधान के परिणाम के मुताबिक, नाश्ते के दौरान लिये गए दूध से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा में कमी आती है. साथ ही, उच्च प्रोटीन वाला दूध सामान्य प्रोटीन वाले डेयरी उत्पादों की तुलना में खाने के बाद ग्लूकोज की मात्रा में कमी लाने में सहायक है.
इस अध्ययन की रिपोर्ट को जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित किया गया था. अध्ययन नाश्ते के समय दूध पीने के महत्व को रेखांकित करता है. इससे कार्बोहाइड्रेट का पाचन धीरे-धीरे होता है और इससे रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि पोषण विशेषज्ञ हमेशा से पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ते की हिमायत करते रहे हैं और यह अध्ययन नाश्ते में दूध को भी शामिल करने को बढ़ावा देता है.
ब्लड शुगर और बढ़ते वजन से हैं परेशान, खाने में इन चीजों को करें शामिल और समस्या से पाएं छुटकारा
नई दिल्ली: भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास अपने
हेल्थ पर ध्यान के लिए वक्त नहीं है. महिला हो या पुरूष दोनों ही स्वस्थ
रहने के लिए सिर्फ खाने पर निर्भर हैं. हम हमेशा सुनते हैं डॉक्टरों से या
डाइट प्लानर से कि फाइबर युक्त भोजना करना चाहिए पर क्यों ये पता नहीं. बता
दें कि फाइबर आपको स्वस्थ रखने में काफी मददगार साबित होते हैं. यह ऊर्जा
से भरपूर होते हैं साथ ही इन्हें आसानी से पचाया जा सकता है. फाइबर के सेवन
से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. इस वजह से
हम बीमारी से दूर रहते हैं और आए दिन बीमार नहीं पड़ते. आज हम आपको बताने
वाले हैं- खाने में फाइबर युक्त भोजन के क्या फायदे हैं और किन चीजों में
इसकी मात्रा ज्यादा होती है.
फाइबर युक्त भोजन आपके बल्ड शुगर को कंट्रोल करता है. अगर आपका वजह लगातार
बढ़ रहा है और यह आपके लिए परेशानी बन चुका है तो आप फाइबर युक्त भोजन का
सहारा ले सकते हैं. फाइबर आपके वजन के कंट्रोल करने में मदद करता है.
प्रतिदिन अपने खाने में आपको मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स और अखरोट का सेवन करना
ही चाहिए. अगर आप इसक सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में पर्याप्त
मात्रा में फाइबर पहुंच जाएगा. फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा ड्राई फ्रूट्स
में पाई जाती है. हमें अपने डाइट को एक योजनाबद्ध तरीके तैयार करना चाहिए
और खाने में पोषण तत्वो का भी ख्याल रखना चाहिए.
बता दें कि फाइबर दो तरह के होते हैं. पहला जो घुलनशील होता है और दूसरा जो
अघुलनशील होता है. घुलनशील फाइबर की खासियत यह है कि इससे कोलेस्ट्रॉल और
ग्लूकोज की मात्रा शरीर में नियंत्रित रहती है. यह आपके आंत की सफाई भी
करता है और आपको पेट की बीमारियों से निजात दिलाता है. घुलनशील फाइबर की
अगर बात करें तो यह रसीले फलों, मटर, गाजर, जौ. नींबू इत्यादि चीजों में
पाया जाता है. अघुलनशील फाइबर आलू, फूल गोभी, हरी बीन्स गेहूं इत्यादि में
पाया जाता है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छी खबर, अब रोज खा सकते हैं अंडे...
एक नए शोध में इस बात का पता चला है.
शोध में सामने आया है कि हफ्ते में 12 अंडे तक खाने से मधुमेह
की पूर्व अवस्था वाले अथवा टाइप टू डायबटिज वाले मरीजों को दिल की
बीमारियों का कोई खतरा नहीं है. दरअसल अंडों में कोलेस्ट्रोल का स्तर अधिक
पाया जाता है, जिसकी वजह से मधुमेह के मरीजों को आम तौर पर अंडे से बचने
की सलाह दी जाती है.अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित इस शोध के हवाले से बताया गया है कि अंडों का रक्त के कोलेस्टेरोल के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है. शोध के सह लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस फुलर ने कहा, ‘डायबिटीज के मरीजों के लिए अंडे खाने के सुरक्षित स्तर के बारे में सलाह में मतभेद के बावजूद हमारा शोध इंगित करता है कि अगर अंडे आपके खानपान की शैली का हिस्सा हैं, तो इन्हें खाने से परहेज मत करिए’.
उन्होंने कहा कि इस शोध में संतृप्त वसा अम्ल जैसे मक्खन के स्थान पर एकल संतृप्त वसा अम्ल खासकर एवोकेडो तथा आलिव ऑयल अपनाने की सलाह दी गई है. अंडे प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों को अच्छा साधन हैं और इनके खाने से अनेक फायदे होते हैं. ये आंखों और दिल की सेहत के लिए अच्छे हैं.
(एजेंसी से इनपुट)
Very nice
ReplyDeletethankyou
DeleteNice
ReplyDeletethanks aakash patel
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