"top tourist places in kerala"

हेलो दोस्तों मेरा नाम अभिषेक है आज में आपको बताने जा रहा टॉप टूरिस्ट प्लेसेस इन केरला ,केरला एक बहुत ही खूबसूरत जगह है  जोकि इंडिया में समुद के किनारे की जगह है ,जहा लम्बे-लम्बे नारियल के पेड़ और खूबसूरत नज़ारा नेचर का दिल खुश हो जाता है

 दरअसल में  सन २०१४ में केरल गया था वहा  मेने अपनी फॅमिली के साथ बहुत ही एन्जॉय किया तो मेने सोचा की क्यों ना में इस ट्रिप के बारे में आपसे शेयर करो हमने वह कतकारि और रूचि डांस भी देखा था जोकि मुझे  बहुत पसंद आया था अगर आप भी वहा जाये तो डांस जरूर देखे और अगर आप अपनी फॅमिली के साथ जाये तो वहा नारियल पानी जरूर पिये।


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Kerala Tourism Places To Visit In Hindi अगर आप अपनी छुट्टी के लिए ऐसी जगह देख रहे हो, जहाँ आपको शानदार प्राकतिक दृश्य के साथ, शांत वातावरण मिले, जहाँ जाकर आप रिफ्रेश फील करें, आपके शरीर एवं आत्मा दोनों ही शांत महसूस करें, तो ऐसी जगह भारत में सिर्फ एक है वो है केरला. केरल की ख़ूबसूरती को देखते हुए, उसको भगवान का देश कहा जाता है. केरल एक ऐसी जगह है, जहाँ किसी भी तरह की छुट्टी बिताई जा सकती है, यहाँ हनीमून, वेकेशन, होलीडे, फॅमिली ट्रिप कुछ भी किया जा सकता है.  यहाँ समुद्र किनारे के बीच है तो ऊँचे ऊँचे पहाड़ भी है, जिसकी ख़ूबसूरती देख कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाये. केरल में नारियल के बड़े बड़े बागान है,  यह हाथियों और समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के देश की भूमि है. यहाँ दुनिया भर से हर साल कई लोग आते है. केरल भारत देश का एक राज्य है, जो 1 नवम्बर 1956 को बना था. इसकी राजधानी थिरुवनंतपुरम है.
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वैसे पूरा केरल ही बहुत सुंदर और देखने लायक है, इसमें से बेस्ट प्लेस बताना थोडा मुश्किल है, लेकिन फिर भी मैं आपको केरल के चुनिन्दा प्लेस के बारे में जानकारी देती हूँ.

  • एयरप्लेन के द्वारा (By air) – केरल में तीन बड़े एअरपोर्ट है, त्रिवेन्द्रम इंटरनेशनल एअरपोर्ट, कोचीन इंटरनेशनल एअरपोर्ट एवं कालीकट इंटरनेशनल एअरपोर्ट. यह देश के सभी बड़े एअरपोर्ट से जुड़ा हुआ है.
  • ट्रेन के द्वारा (By train) – केरल के सभी बड़े स्टेशन से देश की भारतीय रेल जुड़ी है. केरल का सबसे बड़ा स्टेशन थिरुवनंतपुरम सेंट्रल है.
  • रोड के द्वारा (By road) – केरल में रोड नेटवर्क भी बहुत अच्छा है, यहाँ 145,704 किलोमीटर की रोड है.
केरल जाने का बेस्ट समय (Best time to visit Kerala) –
केरल जाने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से मार्च होता है, ये पीक सीजन होता है, इस समय यहाँ बहुत भीड़ होती है. इसके बाद अप्रैल से मई ऑफ सीजन होता है, लेकिन फिर लोग यहाँ जाते है, क्यूंकि देश में बहुत गर्मी पड़ती है, लेकिन यहाँ बहुत अधिक गर्मी नहीं होती है. जून से अगस्त मानसून सीजन होता है, बहुत से लोग मानसून का मजा लेने यहाँ जाते है.
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  1. मुन्नार (Munnar) – दक्षिण भारत के केरल का सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन मुन्नार है. मुन्नार में तीन नदियाँ कुण्डले, मुद्रपुज्हा एवं नाल्लाथान्नी का मिलन होता है. यह पश्चिमी घाट पर 1524 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहाँ 80 हजार मील के क्षेत्र में हरी चाय के बागान है, जो ऊँची पहाड़ी के ढाल में स्थित है. आप इन बागानों को देख बहुत अच्छा महसूस करेंगें. हरे भरे परिदृश्य, झरने, झील, जंगल और चाय बागान इस जगह को पृथ्वी पर एक स्वर्ग बनाते हैं. यहाँ आप पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे एडवेंचर का भी मजा ले सकते है.
  2.  केरल बेकवाटर्स (Keraka backwaters) अगर आपने केरल के बेकवाटर्स में क्रुज का मजा नहीं लिया तो आपका केरल ट्रिप अधुरा है. ये बेकवाटर्स केरल की बहुत सी नदी, नहर एवं झील को जोड़ते है. इन क्रूज के द्वारा केरल के बहुत से शहर एवं गाँव का भी भ्रमण कराया जाता है. इन क्रूज को हाउसबोट्स कहते है, ये यहाँ का मुख्य आकर्षण है. ये हाउसबोट्स किसी होटल से कम नहीं होते है, जिनमें सोना खाना पीना, बाथरूम सभी की व्यवस्था होती है. ये हाउसबोट का चुनाव आप अपने बजट के अनुसार कर सकते है, कई तरह की रेंज में होते है. इनमें आप जितने दिन चाहें उतने दिन रह सकते है. ये हाउसबोट आपको प्रकति के बहुत करीब ले जाते है, शहर के शोर शराबे से दूर आप प्रकति का पूरा मजा ले सकते है. इन हाउसबोट में बेडरूम, किचन, डायनिंग रूम सब होता है, आप अपना पर्सनल हाउसबोट बुक कर सकते है, या किसी के साथ शेयर भी कर सकते है. पानी में चलते चलते आप प्रकति में खो जायेंगें.
  3. कुमारकोम (Kumarakom) कुमारकोम, कोट्टायम के पास में स्थित है. यह केरल का एक मुख्य आकर्षण में से एक है. यह 14 एकड़ का पक्षी अभयारण्य है, जहाँ तरह तरह की पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है. यह प्रवासी पक्षीयों का पसंदीदा स्थान है. कुमारकोम भी एक शानदार बेकवाटर की जगह है और इसलिए आप एक नौका विहार की सवारी पर यहाँ जा सकते हैं. यहाँ आयुर्वेदिक स्पा की भी व्यवस्था है. जिसे लेकर लोगों को आत्मिक एवं मानसिक शांति मिलती है. यहाँ वेमबानाद लेक भी है, जिसे देखने लोग आते है. यह केरल का सबसे बड़ा लेक है, साथ ही ये भारत का सबसे लम्बा लेक है. इस लेक पर क्रुज से जाकर आप सूर्योदय या सूर्यास्त का मजा ले सकते है.
  4. चेम्बर पीक (Chembra peak) ये मेप्पदी टाउन के पास स्थित है. यह 6990 फीट ऊंचाई पर स्थित है. यहाँ लोग ट्रेकिंग का मजा लेने के लिए जाते है. उपर ऊंचाई से नजारा देखने लायक होता है. उपर ऊंचाई के दोनों तरह घना जंगल है, जिससे यहाँ का व्यू और सुंदर हो जाता है.
  5. ठेकड्डी (Thekkady) ठेकड्डी में आप क्रुज के द्वारा वन्य जीवन को करीब से देख सकते है. यहाँ हाथी, टाइगर, हिरन, जंगली भैंसा आदि जानवर देखने को मिलते है. हाथी की सफारी का मजा भी आप यहाँ ले सकते है, जो अपने आप में एक अलग तरह का अनुभव है. बागान और हिल स्टेशन की ये जगह एक सुगम्य सेटिंग प्रदान करती हैं, जिससे तरह तरह की फोटो आप ले सकते है. यहाँ ट्रेकिंग का भी मजा लिया जा सकता है. ठेकड्डी में सबसे मुख्य आकर्षण पेरियार रिवर, मुरिक्कड़ी एवं चेल्लार्कोवली है.
  6. वर्कला बीच (Varkala beach) केरला में बहुत से लोग आयुर्वेद मसाज (स्पा) का मजा लेने के लिए जाते है, यहाँ की आयुर्वेदिक मसाज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इस आयुर्वेदिक मसाज को आप वर्कला बीच में ले सकते है. वर्कला बीच की आयुवेदिक मसाज पूरी दुनिया में जानी जाती है. समुद्र तट और पहाड़ इस जगह को आकर्षक बनाते हैं. यहाँ सूर्यास्त बहुत सुंदर होता है. यहाँ का बीच बहुत साफ़ सुथरा और सुंदर है. यहाँ की अच्छी बात यह है कि यहाँ बहुत अधिक भीड़ नहीं होती है, जिससे आप आराम से रिलैक्स हो सकते है, आपको कोई डिस्टर्ब भी नहीं करेगा. समुद्र तट के सुंदर, शांत वातावरण में आप एक शानदार शाम व्यतीत कर सकते है.
  7. कोवालम (Kovalam) कोवालम भी केरल की अच्छी जगहों में से एक है. यह त्रिवेन्द्रम से मात्र 16 किलोमीटर दूर है. कोवालम में तीन बीच है – लाइटहाउस बीच, हवाह बीच एवं समुद्र बीच. लाइटहाउस बीच इनमें सबसे बड़ा है.
  8. चोत्तनिक्कारा भगवती मंदिर (Chottanikkara Bhagavathy Temple) केरल राज्य का यह प्रसिद्ध मंदिर है. यह कोच्चि के बाहरी इलाके में स्थित है. इस मंदिर में मुख्य रूप से 2 देवता वास करते है – राजराजेश्वरी एवं भद्रकाली. यहाँ के लोगों का इन देवी पर अत्याधिक विश्वास है. यह मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है, यहाँ जाने से बहुत शांति मिलती है.
  9. केरल कत्थकली सेंटर (Kerala Kathakali Centre) अगर आप केरल की पारंपरिक संस्कृति को करीब से जानना एवं देखना चाहते है तो आपको यहाँ जाना ही चाहिए. केरल कत्थकली सेंटर का निर्माण 1990 में हुआ था, ताकि लोग केरल की शास्त्रीय कला को जान सकें, उससे जुड़ सकें. यहाँ नयी प्रतिभाओं को कठोर प्रशिक्षण एवं अनुशासित ढंग से प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे जीवन में अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें. इस सेंटर में कत्थकली, शास्त्रीय संगीत एवं नाच, कलरीपायट्टु और एक विशेष तरह का मार्शल आर्ट सिखाया जाता है. आप समय निकाल कर यहाँ जा सकते है, और तरह तरह की परफॉरमेंस का मजा ले सकते है. इनका पहनावा, मेकअप देखकर आप भाव विभोर हो जायेंगें. भारत देश के लोकनृत्य के इतिहास को यहाँ पढ़ें.
  10. पूवर आइसलैंड (Poovar Island) – यह भी केरल की सुंदर जगहों में से एक है, यहाँ झील, नदी, समुद्र सबकी सुन्दरता देखने को मिलती है. यहाँ भी क्रुज के द्वारा आप प्रकति में विचरण कर सकते है. समुद्र तट पर गोल्डन रेत बीच को सुंदर बना देती है, बेकवाटर में क्रूज का मजा लेना बहुत सुहावना होता है. ऐसा लगता है, प्रकति ये यहाँ कोई जादू कर दिया है. यहाँ पर भी झील में बोटहाउस कॉटेज का मजा लिया जा सकता है, साथ ही झील के किनारे भी कॉटेज बने हुए रहते है, जिसमें भी आप रुक कर प्रकति के मजे ले सकते है. केरल की यह जगह भी आयुर्वेदिक मसाज के लिए फेमस है.
इन सबके अलावा यहाँ थ्रिस्सुर, कोल्लम, आलेपेय, पेरियार एवं वायानद भी केरल के मुख्य टूरिस्ट प्लेस है. केरल की सुन्दरता अद्वितीय है, इसलिए इसे भगवान का प्रदेश कहते है, क्युकी लोगों का मानना है भगवान् ने अपने रहने के लिए इसे बड़े इत्मीनान से, सोच समझ कर इतना सुंदर बनाया है. यहाँ आकर आप एक ताजगी महसूस करेंगें, जो यहाँ से जाने के बाद आपको बहुत याद आएगी.

 

होली पर निबंध हिन्दी में



होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।

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भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।
प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।
यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है।

इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं।


सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व अपने पास-पड़ोस में आपस में बांटती हैं। कई लोग होली की टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं।
ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।
आजकल अच्छी क्वॉलिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंग खेले जाते हैं। यह सरासर गलत है। इस मनभावन त्योहार पर रासायनिक लेप व नशे आदि से दूर रहना चाहिए। बच्चों को भी सावधानी रखनी चाहिए। बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही होली खेलना चाहिए। दूर से गुब्बारे फेंकने से आंखों में घाव भी हो सकता है। रंगों को भी आंखों और अन्य अंदरूनी अंगों में जाने से रोकना चाहिए। यह मस्ती भरा पर्व मिलजुल कर मनाना चाहिए।

गों का त्योहार होली, हिन्दुओं के चार बड़े पर्वों में से एक है। यह पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात् चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में धूमधाम से मनाया जाता है। वसन्त ऋतु वैसे भी ऋतुराज के नाम से जानी जाती है। इसी प्रकार फाल्गुन का महीना भी अपने मादक सौन्दर्य तथा वासन्ती पवन से लोगों को हर्षित करता है। हमारा प्रत्येक पर्व किसी-न-किसी प्राचीन घटना से जुड़ा हुआ है। होली के पीछे भी एक ऐसी ही प्राचीन घटना है जो आज से कई लाख वर्ष पहले सत्ययुग (सतयुग) में घटित हुई थी।

उस समय हिरण्यकश्यप नाम का एक दैत्यराजा आर्यावर्त में राज्य करता था। वह स्वयं को परमात्मा कहकर अपनी प्रजा से कहता था कि वह केवल उसी की पूजा करें। निरुपाय प्रजा क्या करती, डर कर उसी की उपासना करती। उसका पुत्र प्रह्लाद, जिसे कभी नारद ने आकर विष्णु का मंत्र जपने की प्रेरणा दी थी, वही अपने पिता की राय न मानकर रामनाम का जप करता था। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’, उसका प्रिय मंत्र था।

अपने पुत्र के द्वारा की जाने वाली राजाज्ञा की यह अवहेलना हिरण्यकश्यप से सहन न हुई और वह अपने पुत्र को मरवाने के लिए नाना प्रकार के कुचक्र रचने लगा। कहते हैं जब प्रह्लाद किसी प्रकार भी उसके काबू में नहीं आया तो एक दिन उसकी बहन होलिका, जो आग में जल नहीं सकती थी – अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर जलती आग में कूद गई। किन्तु प्रह्लाद का बाल-बाँका नहीं हुआ और होलिका भयावह आग में जलकर राख हो गई। इस प्रकार होली एक भगवद्भक्त की रक्षा की स्मृति में प्रतिवर्ष मनाई जाने लगी। होली पूजन वस्तुतः अग्निपूजन है जिसके पीछे भावना यह होती है कि हे अग्नि देव! जिस प्रकार आपने निर्दोष प्रह्लाद को कष्टों से उबारा, उसी प्रकार आप, हम सबकी दुष्टों से रक्षा करें, प्रसन्न हों।


होली पूजन का एक रहस्य यह भी है कि फाल्गुन के पश्चात् फसल पक जाती है। और खलिहान में लाकर उसकी मड़ाई-कुटाई की जाती है। इस मौके पर आग लग जाने से कभी-कभी गांव के गांव तथा खलिहान जलकर राख हो जाते हैं। होलिका पूजन के द्वारा किसान अग्नि में विविध पकवान, जौ की बालें, चने के पौधे आदि डालकर उसे प्रसन्न करते रहे हैं कि वह अपने अवांछित ताप से मानव की रक्षा करे। कितना ऊँचा शिव संकल्प था। होली का त्योहार वैसे लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है किन्तु ब्रज मण्डल में मनाई जाने वाली होली का अपना अलग ही रंग-ढंग है। बरसाने की लट्ठमार होली देखने के लिए तो देश से क्या, विदेशों से भी लोग आते हैं। इसमें नन्द गांव के होली खेलने वाले पुरुष जिन्हें होरिहार कहते हैं, सिर पर बहुत बड़ा पग्गड़ बांधकर बरसाने से आई लट्ठबन्द गोरियों के आगे सर से रागों में होली गाते हैं और बरसाने की महिलाओं की टोली उनके ऊपर लाठी से प्रहार करती हैं।

पुरुष स्वयं को वारों से बचाते हुए होली गाते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। एकाध बार भूल से चोट लग जाने के अलावा सारा वातावरण रसमय होता है तथा लोग आपस में प्रेम और स्नेह से मिलकर पकवान खाते हैं। यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है तथा हर साल इसे देखने के लिए कई हजार स्त्री-पुरुष जमा होते हैं।  ब्रज की होली के अतिरिक्त नाथद्वारा में होली का ठाट-बाट ज्यादा राजसी होता है। मथुरा, वृन्दावन में भी होली का सुन्दर रूप देखने को मिलता है तथा लोग नाचरंग करते हुए होली गाते और आनन्द मनाते हैं। होली सामाजिक तथा विशद्ध रूप से हिन्दुओं का त्योहार है किन्तु ऐसे प्रमाण मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि मुसलमान शासक भी इस रंगांरग त्योहार को धूमधाम से मनाते थे। लखनऊ में वाजिद अली शाह का नाम ऐसे शासकों में अग्रणी माना जाता है। वे कृष्ण पर कविता करते, होली लिखते तथा होली के अवसर पर कैसर बाग में नाच-गाने की व्यवस्था कराते थे। वाजिद अली, हिन्दू-मुसलमानों के बीच स्नेह और प्यार को प्रोत्साहन देने वाले एक बहुत अच्छे शासक थे। होली का शहरों में स्वरूप गांवों से थोड़ा भिन्न होता है। कुछ शहरों में तो होली मनाने का तरीका अभद्रता की सीमा पार कर जाता है जिसे रोका जाना जरूरी है। होली के अवसर पर कुछ लोग ज्यादा मस्ती में आ जाते हैं। वे मादक द्रव्यों का सेवन करके ऐसी हरकतें करते हैं जिनको कोई सभ्य समाज क्षमा नहीं कर सकता।
होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते-बजाते, हँसते-हँसाते अपने खेतों पर जाते हैं। वहाँ से वे जौ की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते हैं। जब होली में आग लगती है तब उस अधपके अन्न को उसमें भूनकर एक-दूसरे को बाँटकर गले मिलते हैं।
होलिका दहन के संबंध में एक कहानी प्रसिद्ध है-हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकशिपु ईश्वर को नहीं मानता था। वह अपने को ही सबसे बड़ा मानता था। उसका पुत्र प्रह्लाद अपने पिता के विपरीत ईश्वर पर विश्वास करता था। पिता ने उसे ऐसा करने के लिए बार-बार समझाया, किंतु प्रह्लाद पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर हिरण्यकशिपु बहुत क्रुद्ध हुआ। उसने अपने पुत्र को तरह-तरह से त्रास दिए, किंतु प्रह्लाद अपने निश्चय से डिगा नहीं।
अंत में हिरण्यकशिपु ने उसे अपनी बहन होलिका के सुपुर्द कर दिया। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका तो जल गई, किंतु भक्त प्रह्लाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन ‘बुराई के ऊपर अच्छाई’ की विजय है। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसी दिन नंदगाँव में सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियाँ मनाई थीं। नंदगाँव और बरसाने की ब्रजभूमि पर इसी दिन बूढ़े और जवान, स्त्री और पुरुष सभी ने एक साथ मिलकर जो रास-रंग मचाया था, होली आज भी उसकी याद ताजा कर जाती है।
पहले प्रीतिभोज का आयोजन होता था; गीतों, फागों के उत्सव होते थे; मिठाइयाँ बाँटी जाती थीं। बीते वर्षों की कमियों पर विचार होता था। इसके बाद दूसरे दिन होली खेली जाती थी। छोटे-बड़े मिलकर होली खेलते थे। अतिथियों को मिठाइयाँ और तरहतरह के पकवान खिलाकर तथा गले मिलकर विदा किया जाता था। । किंतु आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चुका है। इसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है। होली की जलती आग में घरों के किवाड़, चौकी, छप्पर आदि जलाकर राख कर दिए जाते हैं। खेत-खलिहानों के अनाज, मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है। रंग के बहाने दुश्मनी निकालना, शराब के नशे में मन की भड़ास निकालना आज होली में आम बात हो गई है।
यही कारण है कि आज समाज में आपसी प्रेम के बदले दुश्मनी पनप रही है। जोड़नेवाले त्योहार मनों को तोड़ने लगे हैं। होली की इन बुराइयों के कारण सभ्य और समझदार लोगों ने इससे किनारा कर लिया है। रंग और गुलाल से लोग भागने लगे हैं।


International Yoga Week 2020: योग करने से होते हैं ऐसे-ऐसे फायदे, जानेंगे तो आप भी रोज करेंगे...

योग  हमारे देश में हजारों सालों से किया जा रहा है. आप भी करते होंगे. नहीं भी करते तो इसे लाभकारी तो मानते ही होंगे. पर क्‍या आप इससे शरीर को होने वाले फायदों को गिना सकते हैं.
 
International Yoga Day 2019: Six yoga postures to keep your heart healthy
International Yoga Week 2020:  योगा वीक में दुनिया भर के लोग योग करने भारत आते हैं. ये योग को समर्पित सप्‍ताह है. जिसमें योग के विभिन्‍न आसनों को सिखाया जाता है.

योग हमारे देश में हजारों सालों से किया जा रहा है. आप भी करते होंगे. नहीं भी करते तो इसे लाभकारी तो मानते ही होंगे. पर क्‍या आप इससे शरीर को होने वाले फायदों को गिना सकते हैं.
हम बताते हैं. पर इससे पहले ये जान लीजिए कि अब तमाम शोध भी ये साबित कर चुके हैं कि योग शरीर को टोन करने के अलावा भी बहुत से काम करता है.
Want Better Health? Try Yoga — Exploring your mind


योग के फायदे

– जब भी किसी को ज्यादा तनाव महसूस होता है, तो मस्तिष्क खून में एड्रेनालाइन को छोड़ता है. एड्रेनालाइन के कारण दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है. लगातार तनाव में रहने से हृदय से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है. जो लोग तनाव में ज्यादा रहते हैं, अन्य लोगों की तुलना में उनमें हृदय रोग होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. प्रितदिन योग करने से तनाव कम होता है.
– योग खासकर तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल के दौरे, डिस्लिपिडेमिया, डायबिटीज, चिंता, डिप्रेशन और अन्य समान रोगों से पीड़ित रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार लाता है. नियमित रूप से योग करने से शरीर के अंगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है और हृदय रोग की स्थिति में दिल की देखभाल अच्छे से हो जाती है.
– जब शरीर में खून के प्रवाह की गति धीमी हो जाती है, उस स्थिति में लो ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है. ब्लड प्रेशर के कम होने से दिमाग सहित शरीर के जरूरी अंगों तक खून ठीक से नहीं पहुंच पाता. इस कारण लोगों में चक्कर और बेहोशी की शिकायत होती है, इतना ही नहीं इसके कारण अंगों के विफल होने का जोखिम भी बढ़ जाता है. इस स्थिति को सुधारने में योग कारगर साबित हुआ है.
– योग विभिन्न प्रकार से शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है, इस लिस्ट में तनाव प्रबंध सबसे ऊपर आता है. योग से शरीर में लचीलापन तो आता ही है, साथ ही इससे घुटने के दर्द में भी राहत मिलती है.

 योग करने से दिमाग तेज होता है.

 कुछ समय पहले हुए शोध में ये सामने आया है कि कुछ योगासन मस्तिष्‍क के लिए काफी फायदेमंद हैं. 
स शोध में पता चला कि योग करने से दिमाग की ऊर्जा का संतुलन बेहतर होता है. वैज्ञानिकों ने 11 अलग-अलग शोध किये. शोध में आए परिणाम बताते हैं कि दिमाग तेज करने के लिए अन्य उपायों की तुलना में योग ज्यादा लाभदायक होता है. योग के अलावा अन्य तरह की एक्सरसाइज, व्यायाम या कार्डियो एक्सरसाइज भी फायदेमंद होती हैं.
शोध इलिनियोज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताऔं ने किया. योग पर आधारित इस शोध में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो पहले कभी भी योग नहीं करते थे. शोध में शामिल लोगों को 24 हफ्ते योग कराया गया.
रोजाना योग करने से दिमाग में होने वाले बदलाव के आंकड़े नियमित तौर पर नोट किये गये थे. शोध में यह देखा गया कि जैसे-जैसे लोग योग कर रहे थे उनके दिमाग के कार्य करने की क्षमता में बदलाव आ रहा था. योग करने से दिमाग की गतिविधियों में बिजली के तरंगों की स्थिति प्रतिदिन बेहतर हो रही थी.
इस शोध के बाद हुई एमआरआइ (MRI) में पाया गया कि नियमित तौर पर योगाभ्यास करने से दिमाग के हिप्पोकैंपस एरिया भी बेहतर होती है. इससे दिमाग की याददाश्त की क्षमता मजबूत होती है.
शोधकर्ताऔं के अनुसार योग से दिमाग के हिप्पोकैम्पस एरिया विकसित और स्वस्थ्य होता है. यह एरिया इंसान की स्मरण शक्ति को बनाए रखने का काम करता है. सामान्यतः उम्र बढ़ने के साथ इसका आकार छोटा होता रहता है. जैसे-जैसे हिप्पोकैम्पस छोटा होता है याददाश्त कमजोर होने लगती है. लेकिन योग करने से इसके आकार का परिवर्तन रूकता है.
इसके अलावा दिमाग या ब्रेन के लिए योग इसलिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसका असर एमिगडाला पर भी पड़ता है. इससे इंसान के व्यवहार पर सीधा असर पड़ता है.
नियमित तौर पर योग करने से दिमाग के अन्य हिस्सों पर भी बेहतर प्रभाव पड़ता है. जैसे की मस्तिष्क के प्री फ्रंटल कोरटेक्स पर भी योग का असर पड़ता है. दिमाग का यह हिस्सा निर्णय लेने की क्षमता और योजना बनाने के काम में सहयोग करता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि योग करने से ऐसा दिमाग में क्यों होता है. इस कारण को हम पता नहीं कर पाए हैं, लेकिन दिमाग के अंदर कई बॉयोलाजिकल चीजें होती हैं. जो नियमित तौर पर योग करने से खुलती हैं.
 

नाश्ते में शामिल करें ये एक चीज, कभी नहीं बढ़ेगा ब्‍लड शुगर

Breakfast Tips: नाश्ते में उच्च प्रोटीन वाला दूध पीने से मधुमेह रोगियों को रक्त में शर्करा को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है. ये बात एक नए शोध में सामने आई है.

शोध किया कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्वेल्फ और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के अनुसंधानकर्ताओं ने. इसमें पता चला कि नाश्ते में बदलाव के जरिये टाइप टू मधुमेह के नियंत्रण में मदद मिलती है.
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अनुसंधान के परिणाम के मुताबिक, नाश्ते के दौरान लिये गए दूध से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा में कमी आती है. साथ ही, उच्च प्रोटीन वाला दूध सामान्य प्रोटीन वाले डेयरी उत्पादों की तुलना में खाने के बाद ग्लूकोज की मात्रा में कमी लाने में सहायक है.

इस अध्‍ययन की रिपोर्ट को जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित किया गया था. अध्ययन नाश्ते के समय दूध पीने के महत्व को रेखांकित करता है. इससे कार्बोहाइड्रेट का पाचन धीरे-धीरे होता है और इससे रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि पोषण विशेषज्ञ हमेशा से पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ते की हिमायत करते रहे हैं और यह अध्ययन नाश्ते में दूध को भी शामिल करने को बढ़ावा देता है.

ब्लड शुगर और बढ़ते वजन से हैं परेशान, खाने में इन चीजों को करें शामिल और समस्या से पाएं छुटकारा

नई दिल्ली: भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास अपने हेल्थ पर ध्यान के लिए वक्त नहीं है. महिला हो या पुरूष दोनों ही स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ खाने पर निर्भर हैं. हम हमेशा सुनते हैं डॉक्टरों से या डाइट प्लानर से कि फाइबर युक्त भोजना करना चाहिए पर क्यों ये पता नहीं. बता दें कि फाइबर आपको स्वस्थ रखने में काफी मददगार साबित होते हैं. यह ऊर्जा से भरपूर होते हैं साथ ही इन्हें आसानी से पचाया जा सकता है. फाइबर के सेवन से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. इस वजह से हम बीमारी से दूर रहते हैं और आए दिन बीमार नहीं पड़ते. आज हम आपको बताने वाले हैं- खाने में फाइबर युक्त भोजन के क्या फायदे हैं और किन चीजों में इसकी मात्रा ज्यादा होती है.

फाइबर युक्त भोजन आपके बल्ड शुगर को कंट्रोल करता है. अगर आपका वजह लगातार बढ़ रहा है और यह आपके लिए परेशानी बन चुका है तो आप फाइबर युक्त भोजन का सहारा ले सकते हैं. फाइबर आपके वजन के कंट्रोल करने में मदद करता है. प्रतिदिन अपने खाने में आपको मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स और अखरोट का सेवन करना ही चाहिए. अगर आप इसक सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पहुंच जाएगा. फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा ड्राई फ्रूट्स में पाई जाती है. हमें अपने डाइट को एक योजनाबद्ध तरीके तैयार करना चाहिए और खाने में पोषण तत्वो का भी ख्याल रखना चाहिए.

बता दें कि फाइबर दो तरह के होते हैं. पहला जो घुलनशील होता है और दूसरा जो अघुलनशील होता है. घुलनशील फाइबर की खासियत यह है कि इससे कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज की मात्रा शरीर में नियंत्रित रहती है. यह आपके आंत की सफाई भी करता है और आपको पेट की बीमारियों से निजात दिलाता है. घुलनशील फाइबर की अगर बात करें तो यह रसीले फलों, मटर, गाजर, जौ. नींबू इत्यादि चीजों में पाया जाता है. अघुलनशील फाइबर आलू, फूल गोभी, हरी बीन्स गेहूं इत्यादि में पाया जाता है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्‍छी खबर, अब रोज खा सकते हैं अंडे... 

डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्‍छी खबर, अब रोज खा सकते हैं अंडे...एक नए शोध में इस बात का पता चला है.
शोध में सामने आया है कि हफ्ते में 12 अंडे तक खाने से मधुमेह की पूर्व अवस्था वाले अथवा टाइप टू डायबटिज वाले मरीजों को दिल की बीमारियों का कोई खतरा नहीं है. दरअसल अंडों में कोलेस्‍ट्रोल का स्तर अधिक पाया जाता है, जिसकी वजह से मधुमेह के मरीजों को आम तौर पर अंडे से बचने की सलाह दी जाती है.
Eggs 
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित इस शोध के हवाले से बताया गया है कि अंडों का रक्त के कोलेस्टेरोल के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है. शोध के सह लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस फुलर ने कहा, ‘डायबिटीज के मरीजों के लिए अंडे खाने के सुरक्षित स्तर के बारे में सलाह में मतभेद के बावजूद हमारा शोध इंगित करता है कि अगर अंडे आपके खानपान की शैली का हिस्सा हैं, तो इन्हें खाने से परहेज मत करिए’.
उन्होंने कहा कि इस शोध में संतृप्त वसा अम्ल जैसे मक्खन के स्थान पर एकल संतृप्त वसा अम्ल खासकर एवोकेडो तथा आलिव ऑयल अपनाने की सलाह दी गई है. अंडे प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों को अच्छा साधन हैं और इनके खाने से अनेक फायदे होते हैं. ये आंखों और दिल की सेहत के लिए अच्छे हैं.
(एजेंसी से इनपुट)





99 % लोग अमरुद को सही तरीके से नहीं खाते है


लौकी के फायदे ये जानकर आप इसे जीवन का हिस्सा बना लेंगे



नमस्कार मैं हूं अभिषेक। जैसा कि आप जानते हैं कि लौकी को सब्जी के रूप में खाया जाता है लेकिन अधिकतर लोग लौकी खाना पसंद नहीं करते हैं। क्योंकि यह स्वाद में ज्यादा अच्छी नहीं होती है। लेकिन लौकी शरीर के कई रोगों को समाप्त करने में रामबाण उपाय की तरह काम करती है। आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगें।

DIET WHAT IT REALLY MEANS!!!!!!!!: Indian summer vegetable - Dudhi (bottle gourd)

अगर आपको मुंह से खून आने की समस्या होती है तो आप लौकी का छिलका सुखाकर इसे बारीक पीसकर इसके बराबर की कुंजा मिश्री मिला लें। पांच ग्राम ताजा पानी के साथ दिन में दो बार खाएं। इस उपाय को करने से खांसी के साथ रक्त आना बंद हो जाएगा।
खूनी दस्त में लाभदायक
अगर आप को दस्त हो गए हैं और उनमें खून आता है तो आप घिया का छिलका सुखाकर पीस लें। पांच ग्राम शाम को ताजा पानी के साथ एक सप्ताह तक खाएं। खूनी दस्त समाप्त हो जाएंगे इसके अलावा ये खूनी बवासीर में भी लाभदायक होती है।
खून की कमी पूरी करता है
अगर आपके शरीर में खून की कमी हो गई है तो आप लौकी का हलवा बनाकर खाएं। लौकी हलवा बहुत ही स्वादिष्ट बनता है और इसको गाजर के हलवे के जैसे ही बनाया जाता है। इससे खून की कमी भी पूरी होती है और शरीर की कमजोरी समाप्त हो जाती है। अगर आप लौकी का हलवा खाते रहते हैं तो यह चेहरे पर रौनक बढ़ा देता है। खाली पेट लौकी का हलवा खाने से कमाल के फायदे होते हैं।

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लौकी खाने के फायदे:

कई जगहों पर लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. लौकी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये बेहद आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा लौकी में कई ऐसे गुण होते हैं जो कुछ गंभीर बीमारियों में औषधि की तरह काम करते हैं.
आमतौर पर लोग लौकी खाने से बचते हैं. कुछ को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है तो कुछ को ये पता ही नहीं होता है कि ये कितनी फायदे चीज है. अगर आपको भी ये लगता है कि लौकी खाने से कोई फायदा नहीं है तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है. लौकी एक बेहद फायदेमंद सब्जी है, जिसके इस्तेमाल से आप कई तरह की बीमारियों से राहत पा सकते हैं.

1. वजन कम करने में मददगार
कुछ ही लोगों को ये पता होगा कि लौकी खाने से वजन कम होता है. आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तुलना में लौकी ज्यादा तेजी से वजन कम करती है. आप चाहें तो लौकी का जूस नियमित रूप से पी सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो इसे उबालकर, नमक डालकर भी इस्तेमाल में ला सकते हैं.
2. नेचुरल ग्लो के लिए
लौकी में नेचुरल वॉटर होता है. ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृ‍तिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है. आप चाहें तो इसके जूस का सेवन कर सकते हैं या फिर उसकी कुछ मात्रा हथेली में लेकर चेहरे पर मसाज कर सकते हैं. इसके अलावा लौकी की एक स्लाइस को काटकर चेहरे पर मसाज करने से भी चेहरे पर निखार आता है.
3. मधुमेह रोगियों के लिए
मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी किसी वरदान से कम नहीं है. प्रतिदिन सुबह उठकर खाली पेट लौकी का जूस पीना मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
4. पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए
अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो लौकी का जूस आपके लिए बेहतरीन उपाय है. लौकी का जूस काफी हल्का होता है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं.
5. पोषक तत्वों से भरपूर
लौकी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन और लवण पाए जाते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पोटेशियम और जिंक पाया जाता है. ये पोषक तत्व शरीर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और शरीर को बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं.
6. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए
लौकी का इस्तेमाल करना दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके इस्तेमाल से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है.